 
							ताड़ासन को माउंटेन बेसिक योगा पोज के नाम से जाना जाता है। जो हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, चूँकि भागदौड़ भरी जिंदगी में हम हमारी शारीरिक व मानसिक गतिविधियां भूल जाते है। इससे हमे कई शारीरिक व मानसिक कठिनाइयो का सामना करना पड़ता है। नियमित योग ,प्रणायाम करने से हमारे स्वास्थ्य में लाभ होता है। शुरुआती समय में लोगो को अक्सर ताड़ासन योग मुद्रा का अभ्यास करने के लिए कहा जाता है। यदि आप इस योग मुद्रा में महारत हासिल कर लेते है। तो आपको अन्य आसन करने में चुनौती भरा नहीं लगेगा।
ताड़ासन का अर्थ –
ताड़ासन संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है। जिसमे ताड़ा का अर्थ पहाड़ व आसन का अर्थ मुद्रा से होता है। इसलिए इसको ‘माउंटेन पोज ‘ के नाम से भी जाना जाता है। माउंटेन पोज अर्थात पर्वत की तरह लम्बा व ऊँचा माना जाता है। यह योग बच्चो के लिए लाभदायक हासिल होता है। ताड़ासन योग बच्चो की लम्बाई बढ़ाने में लाभकारी है। शुरुवाती में इस योग को करने के लिए बच्चो को तत्पर किया जाता है। ताड़ासन मुद्रा कई प्रकार के आसन मुद्रा में भी सुधार करने में भी मदद करता है। आगे हम ताड़ासन मुद्रा करने के चरण व फायदों के बारे में जानेगे।
ताड़ासन की विधि
- इस योगासन को करने के लिए सर्वप्रथम योग चटाई पर सीधे खड़े हो जाए।
- अब अपने दोनों पैरो को समांतर करके एक -दुसरे से थोड़ा अलग – अलग रखे (लगभग 10 सेंटीमीटर की दुरी )।
- अपने दोनों हाथो को शरीर से सटाकर रखे।
- शरीर को सीधा करके गहरी साँस लेते हुए धीरे – धीरे अपनी बाहो को ऊपर की और उठाए व दोनों हाथो की अंगुलियों को आपस में मिलाकर रखे।
- इसके बाद अपनी दोनों एड़ियों को ऊपर की और उठाते हुए पंजो के बल पर खड़े होकर अपने पुरे शरीर को संतुलित करे।
- इस मुद्रा में खड़े होने के दौरान अपने शरीर में पैरो के पंजो से लेकर हाथो की अंगुलियों तक खिचाव बना रहे।
- इस आसान में लगभग 30 सेकंड तक बने रहे।
- इस योगासन के अंत में धीरे – धीरे साँस छोड़ते हुए अपनी प्रारभ्भिक अवस्था में आ जाइए।
- प्रारभ्भिक मुद्रा में आने के लिए सर्वप्रथम अपने हाथो को नीचे करे व अपनी दोनों एड़ियों को जमीन पर रखे और सीधे खड़े हो जाये।
ताड़ासन के फायदे –
- आपकी मुद्रा में सुधार
 यदि आपका शरीर अस्वस्थ, आलसी, सुस्त , है , तो आपको ताड़ासन का अभ्यास नियमित रूप से करने से लाभ मिलता है। इसका निरंतर अभ्यास करने से मुद्रा में भी सुधार किया जा सकता है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाइये कि इस आसन को करते समय आपकी रीढ़ की हड्ड़ी सीधी होनी चाहिए। इस दौरान आपके पेट, जांघ, कंधे व कूल्हों , पर भी खीचाव पड़ता है। इन्ही सब के दौरान मुद्रा में सुधार आएगा।
- पीठ के दर्द में राहत –
 पीठ दर्द में राहत दिलाने के लिए ताड़ासन लाभकारी है। जो व्यक्ति नियमित रूप से 9 -10 घंटे एक जगह बैठकर कार्य करते है , उनके पीठ में दर्द अक्सर होता है, ऐसे में सुबह उठकर ताड़ासन किया जाए तो पीठ दर्द में भी राहत मिलती है व रीढ़ की हड्डी भी मजबूत रहती है।
-  लम्बाई बढ़ाने में उपयोगी –
 ताड़ासन के लाभ लम्बाई बढ़ाने में भी उपयोगी सिध्द हुए है, जैसे कि बच्चे आजकल इनडोर गेम्स में अधिक व्यस्त हो गए है जिससे इनकी शारीरिक गतिविधिया कम हो गई है। ऐसे में आप अपने बच्चो को ताड़ासन का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करे। इस योग को करने से पुरे शरीर में खिचाव आएगा जिससे बच्चो की लम्बाई बढ़ने में उपयोगी होगी।
- कब्ज में लाभकारी –
 जिन व्यक्तियो के कब्ज कि प्रॉब्लम रहती है , उनको ताड़ासन करना चाहिए। इसके करने से पाचन तंत्र सही रहता है , व कब्ज की समस्या में भी राहत मिलती है। कब्ज में यह योग लाभकारी है।
- साँस लेने में सुधार –
 जिस व्यक्ति का साँस फूलता है व ठीक तरह से साँस नहीं ले पता है उसको ताड़ासन करना बहुत लाभकारी साबित होता है। इसको निरन्तर करने से श्वांस प्रणाली मजबूत होती है।
सावधानियां –
- खाना खाने के तरुंत बाद ताड़ासन नहीं करना चाहिए।
- हाई व लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों को इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- जो महिला गभर्वती है उसे योग ट्रेनर की देखभाल में यह योग करना चाहिए।
- जिन व्यक्तियों के हाथ व पैर में गंभीर समस्या हो वह ताड़ासन नहीं करे।
- जिनके माइग्रेन व सिर दर्द की समस्या है , थो उसे यह आसन नहीं करना चाहिए।
- शुरुवाती समय में इस योग का अभ्यास करते हैं तो हमे दीवार के सहारे खड़ा रह कर अभ्यास करना चाहिए।
निष्कर्ष-
ताड़ासन बुनियादी योग आसनो में से एक है। जो सभी उम्र के अभ्यायासीयो को शारीरिक और भावनात्मक चुनौती प्रदान करता है। संरेखण और शारीरिक जागरूकता के साथ ताड़ासन शरीर और दिमाक को केंद्र पे रखता है।, संतुलन को बेहतर करने और बच्चो की लम्बाई बढ़ाने में लाभकारी है। इस आसान का अभ्यास अक्सर अन्य योग आसन की तैयारी के लिए भी किया जा सकता है।
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